फुरसतिया जी का निमंत्रण और साली का विवाह
मई माह के आरम्भ में एक दिन फुरसतिया जी से बात हुई और उन्होंने बताया कि उनकी भतीजी स्वाति का शुभ-विवाह 8 मई, 2007 को निश्चित हुआ है, और हमें सम्मिलित होने का निमंत्रण भी दिया। फौरी तौर पर उस उत्सव में आने के लिये हमने भी हामी भर दी, अलबत्ता यह अवश्य कहा कि कदाचित लगभग उन्हीं दिनों, शायद एकाध दिन पहले ही मुझे भी कुछ आवश्यक कार्य है। क्या है और स्पष्ट रूप से किस दिन, यह नहीँ याद आ रहा (और वास्तव में भी ऐसा ही था, कुछ लग रहा था कि उन दिनों मुझे कुछ कार्य है, पर क्या है, नहीं ध्यान रहा)
कुछेक घंटे बाद ही (रात्रि तक) मुझे याद आया कि मेरी छोटी साली का भी विवाह उसी दिन (8 मई) को होना तय है, बाद में जब फुरसतिया जी पुन: बात हुई तब उनको बताया कि वह यह कार्य था, जो उस समय याद नहीँ आ रही था। अब क्या था, उनको तो मौज आ गयी। लगे कहने कि आखिर साली की शादी है, क्यों याद रहेगा? तो बकौल अनूप जी - यह समाचार सुखद होते हुए भी, हमारे दृष्टिकोण से साली की शादी क्योंकर सुखद होने लगी, और यही कारण है कि अरुचिकर समाचार मुझे विस्मृत हो गया ;) रोजमर्रा की विविध घटनाओं में चिट्ठे की संभावना विचारते वे तो यहाँ तक कहने लगे कि भई एक पोस्ट बनती है, इस घटना पर भी। (अब तो ठीक है अनूप जी!) यह मैंने बता ही दिया कि यह विवाह भी कानपुर में ही, और मेरे निवास स्थल के समीप ही है अस्तु कोई बात नहीँ हम आपके यहाँ अवश्य उपस्थित होंगे।
क्रमश:
10 टिप्पणियां:
बस्स इत्ता सा ही?
सही है! शुरुआत कर दी! क्रमशा: के लिये इंतजार है!
थोड़ा विवरण भी दिया जाये भाई. यह तो आई गई बात टाईप बात हो गई. इस पोस्ट को कैंसल माना जाये. :)
कथा को आगे बढ़ाएं....
उपर तीनो बड़े भाईयों ने मेरे मन की बात ही कही है, अब मैं कॉपी पेस्ट नहीं करता।
आगे की बात जल्दी बताइयेगा!
मित्रों, लेख के अंत में लिखे "क्रमश:" पर ध्यान दिया जाय। आगे की बात कुछ अलग है, भिन्न घटना है, इसलिये इन्हें पृथक रखना पड़ा।
लेख पढ़ने और टिप्पणी के लिये धन्यवाद!
यह तो राजीव जी ने सूप परोसा था , खाना आना बाँकी है ।
घुघूती बासूती
यह तो राजीव जी ने सूप परोसा था , खाना आना बाँकी है ।
घुघूती बासूती
SALLI JI KI BARAT KAHA HAI-------------------------------------------------------------------------------------------------------BARKHURDAR
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